|| अभंग प्लास्टीकचा ||
अभंग - ६|६|६|४ - चाल - आरंभी वंदीन | अयोध्येचा राजा
इकडे प्लास्टीक | तिकडे प्लास्टीक | जळी स्थळी झाले | प्लास्टीक ते ||१||
पहावे तिकडे | दिसते प्लास्टीक | प्लास्टीक ते झाले | उदंड ते ||२||
दुकानात मिळे | पिण्याचे ते पाणी | बंद बाटली ती | प्लास्टीकची ||३||
प्लास्टीकची सीडी | गाणे ऐकण्याची | प्लास्टीक ते झाले | सर्वत्र हो ||४||
केस बांधण्याचा | पट्टा प्लास्टीकचा | गळ्यात हार तो | प्लास्टीकचा ||५||
टेबल नि खुर्ची | कपाटही झाले | प्लास्टीकच्या झाल्या | सर्व वस्तु ||६||
चपला जोड तो | प्लास्टीकचा आहे | रेनकोट तोही | प्लास्टीकचा ||७||
अनेक वस्तु त्या | प्लास्टीकच्या झाल्या | घर ते भरले | प्लास्टीकने ||८||
प्लास्टीकचा मोठा | राक्षस तो झाला | मातला मातला | जगांत ह्या ||९||
जगांत सर्वत्र | साठले प्लास्टीक | निसर्गाचा तोल | बिघडला ||१०||
जगांत सर्वत्र | साठले प्लास्टीक | निसर्गाचा तोल | बिघडला ||१०||
प्लास्टीक साचून | तुंबली गटारे | बंद झाली दारे | गटारांची ||११||
प्लास्टीकचा गाळ | साचला नाल्यांत | बंद तेही झाले | मोठे नाले ||१२||
पातळ प्लास्टीक | नका वापरू हो | जाड ते प्लास्टीक | वापरा हो ||१३||
पातळ प्लास्टीक | नका वापरू हो | जाड ते प्लास्टीक | वापरा हो ||१३||
फेकू नका तुम्ही | प्लास्टीक नाल्यात | गटारांत तेही | टाकु नका ||१४||
नद्या नाले सारे | तुंबती तुडुंब | माशां डास खूप | वाढले ते ||१५||
डेंग्यूने थैमान | घातले शहरीं | घरोघरीं आणि | गावांतही ||१६||
वाढला वाढला | भस्मासूर मोठा | प्लास्टीक साचतां | येतो पूर ||१७||
प्लास्टीक जाळतां | विषारी खूप तो | पसरतो धूर | सर्वदूर ||१८||
काही प्लास्टीकचे | आहेत फायदे | पण तोटे खूप | आहेत हो ||१९||
प्लास्टीकमुळे ते | वाचते हो झाड | वाचते लाकूड | प्लास्टीकने ||२०||
प्लास्टीक आहे हो | जलरोधक ते | वायुरोधकही | प्लास्टीक हो ||२१||
पण घातक ती | पर्यावरणांस | अशी नको वस्तु | प्लास्टीकची ||२२||
पाण्याच्या बाटल्या | सरबताच्याही | एकदाच त्याहो | वापरा हो ||२३||
बाटलीवर आहे | क्रमांक पहा तो | त्रिकोणात पाच | उत्तम तो ||२४||
चांगले प्लास्टीक | पारदर्शक ते | पांढरे प्लास्टीक | उत्तम ते ||२५||
शेवटचे काळे | उरते प्लास्टीक | अंतिम दर्जाचे | जाणावे हो ||२६||
प्लास्टीक पिशवी | सुलभ सुयोग्य | पर्यावरणांस | अयोग्य ती ||२७||
उत्तम नि योग्य | सुवर्णमध्य तो | कापडी पिशवी | वापरा हो ||२८||
कचरा ओला तो | खतासाठी योग्य | लोखंड कचरा | धातूसाठी ||२९||
उरला कचरा | प्लास्टीकचा जर | पुनर्वापर तो | करूया हो ||३०||
पर्याय शोधणे | कठीण ते आहे | जमीन प्रदुषीत | प्लास्टीकने ||३१||
काहींशे वर्षांनी | जमिनीत जाणा | होते विघटन | प्लास्टीकचे ||३२||
प्लास्टीक वाढले | जग हे तापले | सृष्टी ती गरम | होत आहे ||३३||
पर्यावरणाचा | तोल बिघडला | निसर्ग चक्र ते | बिनसले ||३४||
हाक मारते ती | वसुंधरा माता | जागे व्हा जागे व्हा | सर्व जण ||३५||
सृष्टी ती जननी | आपण लेकरे | आपण सांभाळू | सृष्टीला ह्या ||३६||
अवघे जनहो | मिळुन करूया | रक्षण आपल्या | पृथ्वीचे ते ||३७||
प्रदूषण खूप | वाढले वाढले | नको एकमेकां | दूषणं ते ||३८||
शास्त्रज्ञ लागले | कामाला हो आता | शोधती शोधती | पर्याय तो ||३९||
आधीच करूया | उपाय आपण | अन्यथा प्रलय | संहारक ||४०||
पर्यावरणाचे | रक्षण करूया | पाऊल उचला | आधी आधी ||४१||
लेखक | कवी - सुरेश पित्रे , ठाणे, महाराष्ट्र
कोणत्याही टिप्पण्या नाहीत:
टिप्पणी पोस्ट करा