|| प्लास्टिकचा भस्मासूर || उदंड झाले प्लास्टिक || इकडे प्लास्टिक, तिकडे प्लास्टिक | जळी स्थळी झाले प्लास्टिक | बघावे तिकडे आहे प्लास्टिक | प्लास्टिक साले उदंड ||१|| प्लास्टिक देतो वाणी | बंद बाटलीत मिळते पाणी | प्लास्टिक चकतीवर ऐकतो गाणी | प्लास्टिक झाले सर्वत्र ||२|| डोक्यावर पट्टा प्लास्टिकचा | गळ्यात हार प्लास्टिकचा | चपला जोडही प्लास्टिकचा | विश्व व्यापले प्लास्टिकने ||३|| प्लास्टिकने तुंबली गटारे | बंद झाली गटाराची दारे | प्लास्टिकचा गाळ साचला रे | सर्व महानगरात ||४|| वापरू नका पातळ प्लास्टिक | वापरा तुम्ही जाड प्लास्टिक | फेकू नका तुम्ही प्लास्टिक | गटारे किंवा नाल्यात ||५|| नद्या नाले सारे तुंबले | माशा डांस खूप वाढले | डेंग्यूने थैमान घातले | घरोघरी गावात शहरी ||६|| वाढला प्लास्टिकचा भस्मासूर | प्लास्टिक साचता येतो पूर | प्लास्टिक जाळता विषारी धूर | सर्वदूर पसरतो ||७|| प्लास्टिकमुळे वाचते झाड | प्लास्टिकमुळे वाचते लाकूड कमी झाली वृक्षतोड | प्लास्टिक वापरामुळे ||८|| प्लास्टिक आहे जलरोधक | प्लास्टिक आहे वायुरोधक | पण पर्यावरणास निर्धोक | अशी वापरा वस्तू ||९|| अनेक पाण्याच्या बाटल्या | आणि सरबताच्या बाटल्या | सर्व एक नंबरच्या बाटल्या | एकदाच वापराव्या ||१०|| बाटलीवर क्रमांक वाचावा | तळाशी त्रिकोणात पहावा | पाच क्रमांक चांगला समजावा | उत्तम दर्जासाठी ||११ || एक चांगले पारदर्शक प्लास्टिक | दुसरे चांगले पांढरे प्लास्टिक | शेवटचे काळे उरते प्लास्टिक | अंतिम दर्जाचे ||१२|| प्लास्टिक पिशवी सुलभ योग्य | पण पर्यावरणास अयोग्य | कापडी पिशवीचा वापर सुयोग्य | सुवर्णमध्य अनुसरावा ||१३|| ओला कचरा खतासाठी | लोखंड कचरा धातूसाठी | उरला कचरा पुनर्वापरासाठी | उपयोगात आणावा ||१४|| प्लास्टिकला पर्याय शोधणे कठीण | प्लास्टिकने प्रदूषित होते जमीन | प्लास्टिकचे जमिनीत विघटन | काहीशे वर्षांनी होते ||१५|| प्लास्टिकने वाढले प्रदूषण | नका देऊ एकमेका दूषण | आता उचलू पाऊल आपण | पर्यावरण रक्षणासाठी ||१६|| सुरेश पित्रे. चेंदणी, ठाणे (पश्चिम) भ्रमणध्वनी – ९००४२३०४०९, Email ID - kharichavata@gmail.com हि कविता खाली दिलेल्या संकेत स्थळावरही आहे. http://marathimaya.com/new/sec_sahitya/April2011_sahit01.html |
सोमवार, ६ जून, २०११
प्लास्टिकचा भस्मासूर
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