नर्मदे हर हर ।।
माताजी मयुरी पटेल , सुरत (गुजराथ)
हमारे नर्मदा परिक्रमा के दौरान तेलिया-भट्ट्यान गाव के नजदिक हमारी मुलाकात माताजी मयूरी पटेल से हुई.....हमने पिछले आश्रम में कई परिक्रमावासी लोगो से इनके बारे में सुना था. और माँ नर्मदा मैयाजी के आशीर्वाद से इनकी हमारी मुलाकात हो गयी......ये माताजी की उम्र २२ साल है और बी.कॉम ग्रेजुएट है....माताजी का सूरत गुजरात की निवासी है.....
माताजी मयूरी पटेल ने नर्मदा परिक्रमा नवंबर-२०१५ से अप्रैल-२०१६ तक अकेले पैदल चलकर पूर्ण की है.....कॉलेज के दिनों में इनको माँ नर्मदाजी की प्रेरणा हुयी और अकेले परिक्रमा करने के दिशानिर्देश प्राप्त हुए........माँ नर्मदा परिक्रमा के दौरान वे अकेले ही पैदल चली.....जंगल, झाड़ी, पहाड़, खेतों से अकेले चली....जहां जहां मुश्किल आई वहां पे माँ नर्मदा मैयाजी ने इनको अनुभूति दिया , दर्शन दिए....इनको परिक्रमा के दौरान कई महान विभूति साधु संत लोगो के दर्शन हुए की जो सदियोंसे माँ नर्मदा की पवित्र किनारे में बैठे तप, साधना दृश्य / अदृश्य स्वरुप में करते रहते है .......
माता मयूरी पटेल जी ने बताया की माँ नर्मदा मैयाजी के किनारे पर दो तरह की दुनिया विचरित करती है...
एक दृश्य दुनिया वो है जो हम सामान्य इंसान देखते है.....जिसमे हमें केवल मैयाजी का किनारा, पेड़ पौधे, पथ्थर , गाव, गाव के लोग और बाकि दुनिया की चीजे दिखती है.......
दूसरी अदृश्य दुनिया वो है जहां पे हजारो साधु संत सन्यासी लोग कई सदियों से जप तप साधना कर रहे है......मैयाजी के किनारे पर हर पथ्थर पर ये सन्यासी लोग अपनी जगह बैठ कर तप कर रहे है......इन तपस्वी लोगो के तप के कारन, नर्मदा मय्या का हर कंकर पुण्यपावन हो गया है ....और इसीलिए कहते है "नर्मदा का हर कंकर, भगवन शंकर है ".......मैयाजी के किनारे जिधर नजर डालो उधर ये तपस्वी लोग तपस्या करते हुए नजर आएंगे......ये तपस्वी लोग अदृश्य दुनिया में विचरण करते है...सामान्य इंसान को इनके दर्शन , इनकी उपस्थिति पता नहीं चलती.......अगर मैयाजी की कृपा रही तो कभी कभार किसी परिक्रमवसि को किसी तपस्वी के दर्शन हो जाते है.....इन तपस्वी लोगो का दर्शन होना अपने अपने भक्ति, कर्म की बाते है.....इन माताजी को कई जगह ऐसे तपस्वी लोगो के दर्शन हुए....कई ऐसे महान तपस्वी लोगो ने इन माताजी को सत्संग कराया...ज्ञान की बाते बताई.....जप- अनुष्ठान के बारे में मार्ग-दर्शन दिया और माताजी के सामने माँ नर्मदाजी ने समां गए या अंतर्धान (गायब ) हो गए......
माताजी मयूरी पटेल के मुख का तेज, चमक कुछ अलग ही थी...उनकी बाते, उनका ज्ञान , उनकी समझ बहोत अलग उच्च दर्जे की थी........माताजी मयूरी पटेल को देख के एस लग रहा तह की वो पिछले जनम की कोई महान योगिनी साध्वी है जो इस जनम में यह रूप धारण किया है.........
हमारे पूछने पर भी उन्होंने अपने और मैयाजी के दर्शन, अनुभव के बारे में नहीं बताया......वो बोली की ये सब बाते निजी है , ये बाते या तो वो जानती है या नर्मदा मैयाजी जानती है......."अश्वथामा जी के दर्शन" के बारे में पूछा तो माताजी हंस पड़ी और बोली की मैयाजी की कृपा रही तो पुण्यात्मा अश्वथामा जी दर्शन देते है....और बोली की मैयाजी की कृपा से दर्शन हो गए है.....बस इतना ही कहा........और बाकि कुछ नहीं बताया......
माता मयूरीजी पटेल को प्रणाम किया....इन माताजी की हिम्मत, साहस , भक्ति और नर्मदा मैयाजी के प्रति विश्वास-प्रेम-समर्पण को देख के हम लोग नत-मस्तक हो गए......हमारे मांगने पर इन माताजी ने सूरत के घर का पता नहीं बताया और नहीं अपना मोबाइल नंबर दिया......वो बोली की मैयाजी की गोद में कभी भी आओ और मस्त हो जाओ......
पूर्ण संसार में केवल माँ नर्मदा मैयाजी का किनारा और परिक्रमा ही ऐसी सुरक्षित जगह है की जह पर अकेली लड़की, माता, बहन को कोई कुछ नहीं बोलता और नाही उनके साथ कोई छेड़खानी या अभद्रता का व्यवहार होता है....बल्कि उनका मान-सन्मान होता है ...माताजी का दर्ज दिया जाता है, हे नर्मदा मैयाजी आप सही में महान हो..आपका महिमा, आपका स्वरुप, आपकी लीला कोई नहीं जान पाया.......आप को कोटि कोटि नमन..........
नर्मदे हर ....